अजीबोगरीब व्यवहार कर रहा था शख्स, बाद में पता चला दिमाग़ में बैठा है खतरनाक कीड़ा….

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वाशिंगटन :  पहाड़ी खेती, समाचार, , 19 नवंबर। कोई नॉर्मल व्यक्ति अचानक जब अजीबोगरीब व्यवहार करने लगता है तो अक्सर लोग इसे भूत-प्रेत से जोड़कर देखते हैं। हालांकि भूत-प्रेत को लेकर लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन मेडिकल साइंस में इसका कोई अस्तित्व नहीं है।

कई बार ऐसी बीमारियों का पता चला है जिसमें इंसान अजीब हरकतें करने लगता है, हाल ही में ऐसा ही एक केस सामने आया है जिसमें डॉक्टरों को जांच करने पर पता चला कि पीड़ित मरीज के मस्तिष्क में सालों से एक परजीवी छिपा बैठा था।

दरअसल, अमेरिका के बोस्टन में 38 वर्षीय व्यक्ति को अजीबोगरीब दौरे की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। शख्स की पत्नी ने बताया कि एक रात उनसने अपने पति को फर्श पर थरथराते और बड़बड़ाते हुए देखा। इसके बाद वह काफी डर कई और डॉक्टरों की मदद ली। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच करने के डॉक्टर्स को उसके मस्तिष्क में एक मृत टेपवर्म (परजीवी) मिला। इस केस में डॉक्टर भी हैरान रह गए।

अमेरिकी शख्स के अजीब व्यवहार की समस्या का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि शख्स के मस्तिष्क में वर्षों से रह रहे टेपवर्म (परजीवी) का पता चला और उनको इसके कोई लक्षण भी नहीं थे। पति को आधीरात दौरा पड़ने के बाद पत्नी ने पुलिस को फोन किया, रिपोर्ट के अनुसार जब उसके घर मदद पहुंची तो शख्स ने एम्बुलेंस में जाने से इनकार किया और डॉक्टरों से झगड़ा भी किया। वह विचलित नजर आ रहा था।

इसके बाद पीड़ित को बोस्टन के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसे एक और अजीबोगरीब दौरा पड़ा। डॉक्टर यह नहीं समझ पा रहे थे कि दौरे का कारण है, क्योंकि इससे पहले मरीज की कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं थी। महिला ने बताया कि उसके पति को ऐसा पहली बार हुआ है। इसके बाद डॉक्टरों ने शख्स को दौरा कंट्रोल करने वाली दवाएं दी और कुछ टेस्ट किए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब मरीज के मस्तिष्क को स्कैन किया गया तो डॉक्टरों को उसमें सूजन और तीन घावों का पता चला। ये दोनों ही लक्षण एक परजीवी संक्रमण के संकेत हैं जिसे न्यूरोकाइस्टिसरोसिस संक्रमण (तंत्रिका तंत्र का परजीवी रोग) के रूप में जाना जाता है। यह इंसान में दौरे और सिरदर्द का कारण बन सकता है और गंभीर स्थिति में मरीज की मौत भी हो सकती है।

आपको बता दें कि संक्रमित पशुओं का कच्‍चा या अधपका मांस खाने से ही ये टेपवर्म मनुष्‍यों के शरीर में प्रवेश करते हैं। कई मामलों में यह हरी सब्जियों से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह कीड़ा खाने के साथ पेट में, आंतों में और फिर ब्लड फ्लो के मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। किसी के शरीर में टेपवर्म अंडे पैदा हो सकते हैं, लार्वा बन सकते हैं। खतरनाक बात ये है कि इसके कुछ अंडे हमारे शरीर में भी फैल जाते हैं, जिससे शरीर में अंदरूनी अंगों में घाव बनने लगते हैं।

अगर संक्रमित व्यक्ति बाथरूम में जाने के बाद अपने हाथ ठीक से नहीं धोता तो यह परजीवी एक व्यक्ति से दूसरे में पहुंच सकता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार परजीवी संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा खाने की चीजों या उसके द्वारा छूए गए सतहों की वजह से फैल सकता है। सीडीसी के मुताबिक विकासशील देशों के ग्रामीण इलाकों में सूअर का मांस, संक्रमण सबसे आम है। सूअर स्वतंत्र रूप से घूमते हैं और मानव मल खाते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर साल लगभग 1000 लोगों को न्यूरोकाइस्टिसरोसिस के साथ अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। इनमें से अधिकांश मरीज उन देशों की यात्रा कर चुके होते हैं जहां टैपवार्म आम है। लगभग 20 साल पहले केस सामने आया था जिसमें रोगी ग्रामीण इलाके से बोस्टन आ गया, जहां संक्रमण के मामले अधिक पाए जाते हैं। परजीवी आमतौर पर शरीर में पांच से 10 वर्षों के भीतर मर जाते हैं, लेकिन वे सूजन पैदा करना जारी रख सकते हैं जिससे पोस्ट के अनुसार सिरदर्द, खराश और दौरे पड़ सकते हैं।

साभार: oneindia.com, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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