वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन के तहत अब जमीन का भी होगा आधार नम्बर, जानें क्या होंगे फायदे…..

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देश के नागरिकों के आधार कार्ड की तरह अब आपकी जमीनों का भी आधार नंबर (Aadhaar Number) जारी किया जायेगा।

नई दिल्ली: पहाड़ी खेती, समाचार ( 02, फरवरी )केंद्र सरकार इसकी तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन यानी एक राष्ट्र एक पंजीकरण (One Nation, One Registration Programme) कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार जमीनों के लिए विशिष्ट पंजीकरण संख्या (Unique registered number for lands) जारी करेगी।

आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी की मदद लेगी सरकार

मंगलवार को संसद में पेश किये गये आम बजट 2022 (Union Budget 2022) में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में कहा कि अब देश की जमीनों का भी डिजिटल रिकॉर्ड (Digital Land Record) तैयार किया जायेगा। आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी (IP Based Technology) की मदद से ऐसा किया जायेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मार्च 2023 तक देश भर में जमीन के रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन का लक्ष्य सरकार ने रखा है। उन्होंने कहा है कि जमीनों के कागजात के आधार पर ही डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा।

डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के होंगे कई फायदे

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लैंड रिकॉर्ड को डिजिटाइज किये जाने के कई फायदे होंगे। बताया जा रहा है कि जमीनोंको 3सी फॉर्मूले के तहत बांटा जायेगा, जिसका लाभ सभी लोगों को मिलेगा। बजट (Union Budget of India 2022) प्रस्ताव में कहा गया है कि इस कार्यक्रम से सारे रिकॉर्ड केंद्रीयकृत हो जायेंगे। एक क्लिक पर सारी जानकारी उपलब्ध हो जायेगी। सरकार ने जो कार्यक्रम तय किया है, उसके मुताबिक, अब आपकी जमीन का 14अंकों का एक यूेलपिन नंबर (ULPIN) यानी यूनिक नंबर जारी किया जायेगा।

जमीन की खरीद-बिक्री में नहीं होगी दिक्कत

जमीनों का आधार कार्ड (ULPIN) नंबर मिल जाने के बाद जमीन की खरीद-बिक्री में बहुत आसानी हो जायेगी। बताया जा रहा है कि इस नंबर के जरिये देश में कहीं भी जमीन को खरीदने या बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी। बजट में जो प्रस्ताव आया है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि एक क्लिक में लोगों को जमीन का पूरा विवरण मिल जायेगा।

जमीन के बंटवारे के बादे बदल जायेगा आधार नंबर

जमीन का अगर बंटवारा होगा, तो उसका आधार नंबर अलग-अलग हो जायेगा। जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो जायेगा, तो किसी की भी जमीन का रिकॉर्ड देखना आसान हो जायेगा। जमीन की नपाई ड्रोन कैमरे से होगी, जिससे गलती की गुंजाइश नहीं के बराबर रहेगी।

एक क्लिक में देख पायेंगे लैंड रिकॉर्ड

डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो जाने के बाद जमीन का रिकॉर्ड देखने के लिए भूमि एवं राजस्व विभाग के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अपने आसपास के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन की जानकारी ले सकेगा। मौजूदा समय में देश में 140 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती हो रही है। 125 मिलियन हेक्टेयर जमीन को ठीक किया जा रहा है।

2023 तक देश का लैंड रिकॉर्ड होगा डिजिटल

केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का है। मार्च 2023 तक पूरे देश में जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है। आने वाले दिनों में महज एक क्लिक पर आपके जमीन से संबंधित दस्तावेज आपके सामने होंगे। देश में कहीं भी किसी भी जगह पर आप अपनी जमीन से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेंगे।

साभार: प्रभात खबर, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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