ठेकेदारों की हड़ताल: हिमाचल में दूसरे दिन भी विकास कार्य ठप, यूनियनों द्वारा प्रदर्शन जारी….

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शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 08, फरवरी ) हिमाचल प्रदेश में ठेकेदारों के हड़ताल पर जाने से सरकारी निर्माण कार्य दूसरे दिन भी ठप हैं। शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों और मंडी में शिवधाम समेत प्रदेश भर में सभी छोटे-बेड़े प्रोजेक्टों का काम रोक दिया गया है। मंगलवार सुबह भी ठेकेदार यूनियनों ने सभी जिलों में प्रदर्शन कर सरकार से डब्ल्यू एक्स फार्म को लेकर की गई सख्ती को खत्म करने और जीएसटी का भुगतान करने की मांग की।

शिमला में भी पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर ठेकेदारों ने प्रदर्शन किया। चेतावनी दी है कि जब तक समस्या का लिखित में समाधान नहीं हो जाता, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे। ठेकेदारों ने फैसला लिया है कि प्रोजेक्टों में काम कर रहे मजदूरों को दिहाड़ी मिलती रहेगी।

हिमाचल ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार बिज ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस मामले में कई बार वार्तालाप हुआ है। अधिकारियों से भी बैठकें हुई हैं, लेकिन आश्वासन ही दिया जाता है। ठेकेदार सरकार से माइनिंग के नियमों में संशोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे हैं।

क्रेशर में डब्ल्यू एक्स फार्म देने की सीमा तय की गई है। ठेकेदारों को यह फार्म नहीं मिल रहे हैं, जिससे लोक निर्माण और अन्य विभागों के पास करोड़ों की राशि फंसी हुई है। नियम सख्त करने से क्रेशर से रोड़ी, रेत-बजरी नहीं मिल रहे हैं।

यूनियन के महासचिव राजेश सुमन ने कहा कि ठेकेदार एक जुलाई, 2017 से पहले के कार्यों पर रिफंड की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक यह पैसा नहीं दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कहा था कि ठेकेदारों का यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ठेकेदारों से बातचीत जारी है। हड़ताल हर बात का समाधान नहीं है।

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