हिमाचल: 13वीं विधानसभा का 14वां बजट सत्र 23 फरवरी से, ड्रोन से रखी जाएगी नजर – विपिन परमार

शिमला: पहाड़ी खेती, समाचार ( 16, फरवरी )हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होने जा रहा है जिसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मंगलवार को विपक्ष से अपील की कि वे सदन को चलाने में सहयोग करें और विधानसभा की परंपरा को बनाए रखेंगे ऐसी उन्हेें पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा सदस्यों की बात को सुना जाएगा और सबको बोलने का अवसर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना के मद्देनजर कोरोना प्रोटोकॉल पूरा ध्यान रखा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पहली मार्च तक विधायक अपने प्रश्न दे सकते हैं। इस सत्र के लिए इस बार 700 के करीब प्रश्न प्राप्त हुए हैं जिनमें 490 तारांकित प्रश्नों में 306 ऑनलाइन व 184 ऑफलाइन तथा 202 अतारांकित प्रश्नों में 83 ऑनलाइन व 119 ऑफलाइन सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिसमें से अधिकतर प्रश्न सरकार कार्रवाई हेतु प्रेषित कर दिए गए हैं।
यह 13वीं विधानसभा का 14वां बजट सत्र होगा, जिसमें कुल 16 बैठकें होंगी। सत्र का शुभारंभ सुबह 11 बजे प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के अभिभाषण से होगा। विधानसभा के सदस्य रहे कश्मीर लाल जोशी व चमन गाचली के निधन पर शोकादगार प्रस्तुत किए जाएंगे।
4 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत करेंगे, वहीं इस सत्र के दौरान 3 व 10 मार्च को गैर-सरकारी कार्य दिवस के लिए निर्धारित किया गया है। 22 फरवरी को सर्वदलीय बैठक का आयोजन भी किया जाएगा। इस सत्र के दौरान 26 फरवरी तथा मार्च को शनिवार के दिन भी सत्र का आयोजन किया जाएगा।
ड्रोन से रखी जाएगी नजर : परमार ने कहा है कि प्रदेश विधानसभा परिसर में 480 पुलिस जवानों की तैनाती होगी। ड्रोन से पूरे परिसर पर पैनी नजर रखी जाएगी। उन्हें यह भी सूचना मिली है कि लोग कैनेडी चौक तक सरकार के प्रतिनिधियों से मिलने आ सकेंगे। ज्यादा लोग होंगे तो उन्हें चौड़ा मैदान में ही रुकना होगा।
22 को होगी सर्वदलीय बैठक :परमार ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष से 22 फरवरी को सहयोग की अपील की जाएगी। उस दिन एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकतांत्रिक और वैधानिक तरीके से ही सदन की कार्यवाही का संचालन होगा।
जीरो ऑवर की संभावनाएं खुलीं: परमार ने बताया कि प्रदेश में जीरो ऑवर की संभावनाएं खुली हैं। इस बारे में विचार चल रहा है। हाल ही में विधानमंडलों के सम्मेलन में इस बारे में सुझाव दिए गए थे। सभी विधानसभाओं की कार्यवाही के नियमों में एकरूपता लाने की बात हुई थी।
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