भारतीय डाक ने ऊना में कैंसर से पीड़ित बच्ची के लिए तत्काल दवाएं पहुंचाईं ….
शिमलाः ( पहाड़ी खेती, समाचार )
भारतीय डाक ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में कैंसर से पीड़ित एक 8 साल की बच्ची के लिए दवाएं पहुंचाईं। ऊना में उसकी कई नियमित दवाओं को खरीदने में कठिनाई होती है और वह दिल्ली से कूरियर की सहायता से अपनी दवाएं मंगवाती है। शालिनी के परिवार ने दिल्ली में अपने एक मित्र से संपर्क किया और उनसे दिल्ली से ऊना दवाओं को भेजने में सहायता करने का आग्रह किया। लॉकडाउन के कारण संभार तंत्र की बाधाओं को देखते हुए उनके परिवार के मित्र ने केंद्रीय संचार,विधि एवं न्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद से सहायता का अनुरोध किया।
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए हाल में अचानक किए गए लॉकडाउन के कारण शालिनी के दवाओं का स्टॉक खत्म हो रहा था और उसके पास केवल 19 अप्रैल तक की ही दवाएं बची थीं।
मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऊना में शालिनी को 19 अप्रैल से पहले दवाएं मिल जाएं, त्वरित रूप से भारतीय डाक को सभी आवश्यक संभार तंत्र सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
भारतीय डाक के दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश सर्कलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि दवाएं समय पर पहुंच जाएं एक बहुत सुनियोजित प्रयास किया। लॉकडाउन की बाधाओं के कारण, भारतीय डाक के पंजाब सर्किल ने पोस्टल मोटर-वाहन के लिए विशेष प्रबंध किया जो ऊना को छोड़ते हुए 19 अप्रैल की सुबह सीधे शालिनी के घर पहुंच गया।
भारतीय डाक का एक डाकिया दवाओं को देने के लिए 19 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से पहले शालिनी के घर पहुंच गया। शालिनी की मां ने अपने घर पर इन दवाओं को प्राप्त किया और अपनी बेटी को बचाने के लिए भारतीय डाक के आने पर उसे बहुत धन्यवाद दिया।
यह जानने के बाद कि दवाएं समय पर नियत स्थान पर पहुंच गईं हैं,संचार मंत्री ने अपनी प्रसन्नता जताते हुए ट्वीट किया कि जिस वक्त इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है,भारतीय डाक लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। उन्होंने नन्हीं बच्ची शालिनी के स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता की भी शुभकामनाएं प्रकट कीं।
उल्लेखनीय है कि मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने भारतीय डाक को दवाओं, कोविड-19 संबंधित वस्तुओं और अनिवार्य सेवाओं की समय पर प्रदायगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
साभार: पी. आई. बी., भारत सरकार