लहौल-स्पिति के लारी में शीतोषण फलों की नर्सरी प्रबंधन तथा शीतोषण फलों, गेहूं एवं जौ की खेती की उन्नत तकनीकी पर किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित…..

शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 17, मार्च ) लहौल-स्पिति के लारी में भा.कृ.अ.सं., क्षेत्रीय केंद्र , शिमला ने अनुसूचित जनजातीय किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
भा.कृ.अ.सं., क्षेत्रीय केंद्र , शिमला ने अनुसूचित जनजातीय उपयोजना (टी.एस.पी) के अंतगर्त एक दिवसीय शीतोषण फलों की नर्सरी प्रबंधन तथा शीतोषण फलों, गेहूं एवं जौ की खेती की उन्नत तकनीकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 15 मार्च 2022 को लारी, लहौल स्पिति (हि.प्र.)में अनुसूचित जनजातीय किसानों के लिए आयोजन किया ।
भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला के अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने इस कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिकों, प्रशासनिक वर्ग, तकनिकी अधिकारी तथा कुशल सहायी कर्मचारी की सहायता से लारी, लहौल स्पिति (हि.प्र.) के अनुसूचित जनजातीय किसानों के लिए किया।
डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि श्रीमती (डॉ.) मीना भटीया, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, ताबो,श्री थोटल दोरजे, प्रधान विशिष्ट अतिथि तथा श्री राजवीर,नम्बरदार, श्री किशोरी लाल, पूर्व प्रधान एवं श्री सुबोध कुमार, प्रगतिशील किसान सम्मानित अतिथि रहे | अध्यक्ष के साथ डॉ ए.के.शुक्ला (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ संतोष वाटपाडे (वैज्ञानिक), डॉ. जितेंद्र कुमार, तकनीकी अधिकारी, श्री बेग राम (प्रशासनिक वर्ग), श्री मोलक राम(तकनिकी अधिकारी), श्री राम सिंह एवं श्री प्रशांत उपस्थित रहे | डॉ संतोष वाटपाडे, वैज्ञानिक ने अतिथि एवं किसानो का स्वागत किया । तत्पश्चात अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने सभी अतिथियों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र की तरफ से स्मृति चिन्ह प्रदान किये ।
उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में तथा क्षेत्रीय केंद्र शिमला की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी विशेषकर सेब, नाशपाती, गुटलीदार फलों, मूलवृंत, अखरोट, कीवी, स्ट्रॉबेर्री, रसियन टाईप अनार तथा गेहूं एवं जौ के बारे में जानकारी दी एवं किसानों को क्षेत्रीय केंद्र द्दारा प्रदान की गई किट तथा अन्य रसायनों के प्रयोग की विधी तथा उपकरणों के प्रयोग के बारे में जानकारी दी | इसके अतिरिक्त गुणवत्ता वाले सेब के पौधे भी किसानों को उपलब्ध करवाये गये । मुख्य अतिथि के हाथों से अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र शिमला से लाई गई किट/आइटमज (फफूंदनाशक, जिंक, बोरोन, एन. पी. के . मिक्सचर, शेड नेट, ट्री गार्ड, एंटी हैल नेट, एंटी बर्ड नेट, सेब के पोधे, फोल्डर इत्यादि) का आवंटन किया| उन्होंने भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला के यह प्रयास विशेषकर अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक के अनुसूचित जनजातीय उपयोजना लारी में कराने के लिए प्रशंसा की तथा इससे सबको लाभ उठाने के लिए आह्वान किया| सेब की नर्सरी तथा बागीचों के बारे में भी तकनिकी जानकारी दी गई।
प्रश्नोतरी काल में अध्यक्ष के साथ डॉ. ए.के.शुक्ला एवं डॉ. संतोष वाटपाडे ने किसानों द्दारा उठायी गई समस्यायों का समाधान किया । डॉ. ए.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद प्रस्ताव किया | इस प्रोग्राम को संचालित डॉ. जितेंद्र कुमार(तकनीकी अधिकारी) ने किया| इस कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक पुरुष एवं महिला अनुसूचित जनजातीय किसानों ने भाग लिया।
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