किन्नौर के बटसेरी में शीतोषण फलों की नर्सरी प्रबंधन तथा शीतोषण फलों, गेहूं एवं जौ की खेती की उन्नत तकनीकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित….

शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 20, मार्च ) भा.कृ.अ.सं., क्षेत्रीय केंद्र , शिमला के तत्वाधान में अनुसूचित जनजातीय उपयोजना (टी.एस.पी) के अंतगर्त एक दिवसीय शीतोषण फलों की नर्सरी प्रबंधन तथा शीतोषण फलों, गेहूं एवं जौ की खेती की उन्नत तकनीकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 16 मार्च 2022 को बटसेरी, किन्नौर (हि.प्र.)में अनुसूचित जनजातीय किसानों के लिए आयोजन किया गया ।
भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला के अध्यक्ष, डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने इस कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिकों, प्रशासनिक वर्ग, तकनिकी अधिकारी तथा कुशल सहायी कर्मचारी की सहायता से बाटसेरी, किन्नौर (हि.प्र.) के अनुसूचित जनजातीय किसानों के लिए किया। डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि प्रदीप नेगी, प्रधान, विशिष्ट अतिथि डॉ. अरुण नेगी, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, किन्नौर, डॉ. समसेर नेगी, बागबानी अधिकारी,सांगला, किन्नौर तथा श्रीमती सीमा नेगी, पूर्व प्रधान, बटसेरी सम्मानित अतिथि रहे।

अध्यक्ष के साथ डॉ ए.के.शुक्ला (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ संतोष वाटपाडे (वैज्ञानिक),डॉ. जितेंद्र कुमार, तकनीकी अधिकारी, बेग राम (प्रशासनिक वर्ग), मोलक राम(तकनिकी अधिकारी), राम सिंह एवं प्रशांत उपस्थित रहे।
डॉ संतोष वाटपाडे, वैज्ञानिक ने अतिथि एवं किसानो का स्वागत किया । तत्पश्चात अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक ने सभी अतिथियों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र की तरफ से स्मृति चिन्ह प्रदान किये। उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में तथा क्षेत्रीय केंद्र शिमला की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी विशेषकर सेब, नाशपाती, गुटलीदार फलों, मूलवृंत, अखरोट, कीवी, स्ट्रॉबेर्री, रसियन टाईप अनार तथा गेहूं एवं जौ के बारे में जानकारी दी एवं किसानों को क्षेत्रीय केंद्र द्दारा प्रदान की गई किट तथा अन्य रसायनों के प्रयोग की विधी तथा उपकरणों के प्रयोग के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त गुणवत्ता वाले सेब के पौधे भी किसानों को उपलब्ध करवाये गये ।

मुख्य अतिथि के हाथों से अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र शिमला से लाई गई किट/आइटमज (फफूंदनाशक, जिंक, बोरोन, एन. पी. के . मिक्सचर, शेड नेट, ट्री गार्ड, एंटी हैल नेट, एंटी बर्ड नेट, सेब के पोधे, फोल्डर इत्यादि) का आवंटन किया| मुख्य अतिथि ने भारतीय कृषि अनूसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र शिमला के यह प्रयास विशेषकर अध्यक्ष डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक को अनुसूचित जनजातीय उपयोजना बटसेरी, किन्नौर में कराने के लिए प्रशंसा की तथा इससे सबको लाभ उठाने के लिए आह्वान किया।
डॉ. ए.के.शुक्ला एवं डॉ. संतोष वाटपाडे ने सेब की नर्सरी तथा बागीचों के बारे में भी तकनिकी जानकारी दी एबं अपना अपना बिचार रखा | प्रश्नोतरी काल में अध्यक्ष, डॉ कल्लोल कुमार प्रामाणिक के साथ डॉ. ए.के.शुक्ला एवं डॉ. संतोष वाटपाडे ने किसानों द्दारा उठायी गई समस्यायों का समाधान किया । श्री प्रदीप नेगी, प्रधान, ने धन्यवाद प्रस्ताव किया | इस प्रोग्राम को संचालित डॉ. जितेंद्र कुमार(तकनीकी अधिकारी) ने किया| इस कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक पुरुष एवं महिला अनुसूचित जनजातीय किसानों ने भाग लिया।
अंत में अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजातीय उपयोजना (टी.एस.पी.) भा.कृ.अ.प.-भा.कृ.अ.सं., क्षेत्रीय केंद्र , शिमला को देने के लिए संस्थान के निदेशक तथा नोडल अधिकारी, टी.एस.पी., भा.कृ.अ.सं., नई दिल्ली का आभार प्रकट किया।
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