करौली हिंसा: मासूम को छाती से लगाकर कॉन्टेबल ने बचाई जान, रातों-रात हीरो बन पाई प्रमोशन, CM गहलोत ने फोन पर दी बधाई…..

Spread the love

जयपुर : पहाड़ी खेती, समाचार ( 04, अप्रैल ) राजस्थान के करौली में हिंसा के दौरान देवदूत बनकर बच्चे की जान बचाने वाला कॉन्स्टेबल रातों-रात हीरो बन गया है। आग की लपटों के बीच से मासूम को छाती पर लगाकर जब कॉन्टेबल ने उसकी जान बचाई तो चारों तरफ उसकी तारीफ होने लगी।

सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जमकर सराहा। बधाईयों का तांता लगा हुआ है। उसके जज्बे की हर तरफ चर्चा हो रही है। पुलिस महकमे में भी उसका सम्मान किया गया। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कॉन्स्टेबल से फोन पर बात की और बधाई दी।

कौन है जांजाब कॉन्स्टेबल
दरअसल पूरा वाकया करौली जिले में फैली हिंसा के दौरान का है। दो दिन पहले जब हिंसा की आग की लपटें करौली को अपनी चपेट में ले रही थी तब कई घर और दुकानों को जला दिया गया था। वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। उसी वक्त कॉन्स्टेबल नेत्रश शर्मा (Netresh Sharma) की नजर एक परिवार और छोटी सी मासूम पर पड़ी। उसने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्ची और उसके परिवार को उपद्रवियों और आग से बचाया और सही सलामत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

सीएम ने शाबाशी दी, प्रमोशन का तोहफा भी
नेत्रश शर्मा की इस बहादुरी के चर्चे जब सोशल मीजिया पर शुरू हुए तो खुद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने फोन लगाकर न केवल जवान की तारीफ की बल्कि उसे हाथों-हाथ प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल बना दिया। सीएम ने बधाई दी और इसी तरह से ईमानदारी पूर्वक कार्य करने को कहा। फोन पर बात करते हुए नेत्रश शर्मा ने सीएम का आभार जताया और कहा कि उन्होंने तो बस अपनी ड्यूटी और फर्ज निभाया।

क्या हैं करौली के हालात
बता दें कि करौली में शोभा यात्रा के दौरान फैली उपद्रव के बाद से लगातार कर्फ्यू जारी है। परीक्षा देने जाने वाले छात्रों को कुछ घंटे कंफ्यू में ढील दी गई है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद से अब तक 53 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। 20 से ज्यादा वाहन जब्त कर लिए गए हैं और हजारों पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के तौर पर जिले के चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। 20 से ज्यादा आईपीएस, 50 आरपीएस और 110 से ज्यादा इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मियों को निगरानी में तैनात किया गया है।

साभार: Asianet news हिंदी, ट्विटर, सोशल मीडिया नेटवर्क।

You may have missed