प्रयोगशाला से बागीचों तक तकनीक के हस्तांतरण पर ध्यान दिया जाना चाहिए: राज्यपाल

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शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 04, मई ) राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला के मशोबरा स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र (क्रैगनैनो) का दौरा किया। इस अवसर पर लेडी गर्वनर अनघा आर्लेकर भी साथ थीं।

राज्यपाल ने सेब की 276 किस्मों, नाशपाती की 79 किस्मों और चेरी की 46 किस्मों वाले सबसे बड़े जर्मप्लाज्म केन्द्र पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रयोगशाला से बागीचों तक तकनीक के हस्तांतरण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने सेब की स्थानीय किस्मों को विकसित करने के निर्देश दिए। आर्लेकर ने केन्द्र में स्थापित सेब के बागीचे का भी दौरा किया। उन्होंने प्रयोगशालाओं का भी निरीक्षण किया और संस्थान के समुचित रखरखाव के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सराहना की।

उन्होंने केन्द्र में किए जा रहे अनुसंधान कार्यों की भी सराहना की। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र मशोबरा के सह-निदेशक डॉ. दिनेश ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया और केंद्र की शैक्षणिक, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि बागवान दैनिक बागवानी कार्यों के लिए केन्द्र की सिफारिशों और अन्य सलाहकार सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीना चौहान और अन्य उपस्थित थे।राज्यपाल ने इससे पहले मशोबरा स्थित नेचर पार्क का भी दौरा किया।

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