‘जाइका परियोजना’ के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं दस से 15 हज़ार रुपये मासिक आय प्राप्त कर रही हैं: वन मंत्री राकेश पठानिया…..

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शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 10, मई ) आज पालमपुर के परौर में हिमाचल प्रदेश ग्रामीण विभाग द्वारा स्वयम् सहायता समूहों को प्रोत्साहन के लिये आयोजित किए गए सरस मेले के दूसरे दिन वन मंत्री राकेश पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

इस अवसर पर राकेश पठानिया ने स्वयम् सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का निरीक्षण किया। वन मंत्री ने वन विभाग में जाइका द्वारा वितपोषित वानिकी परियोजना के अंतर्गत तैयार किये गये उत्पादों जैसे चीड् की पत्तियों से बने फ़ूलदान, टोकरी, गमला, बुनाई के शाल, जैकेट , टौर के पतों की प्लेट ,टोपियों व खाद्य उत्पाद जैसे खोआ, कोदरा (मन्ढ्ल) का आटा ,आचार, बड़ी इत्यादि की जमकर सरहाना की।

उन्होने कहा की जाइका परियोजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं दस से 15 हज़ार रुपये मासिक आय प्राप्त कर रही हैं। वहीं बाकि अन्य संस्थाओं को भी जाइका परियोजना के अंतर्गत काम कर रहे स्वयम सहायता समूहों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होने कहा की भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मोदी जी के सपने को सच में जाइका वानिकी परियोजना कर रही है। जाइका परियोजना पहले प्रदेश के 6 जिलों में कार्य कर रही थी। अब 7 वें जिले के रुप में कांगडा जिले को भी शामिल कर दिया गया है । इसके लिये उन्होने जाइका परियोजना के मुख्य निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के अथक प्रयासों की जमकर सरहाना की। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी पालमपुर व वन विभाग सहित अन्य विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे।

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