पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात: इस्लामाबाद में मेट्रो स्टेशन आग के हवाले, सरकार ने बुलाई सेना…..

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इस्लामाबाद : पहाड़ी खेती, समाचार ( 26, मई ) पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सत्ता पलटने के बाद सड़कों पर जमकर गदर मच रहा है। तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि पाकिस्तान में सियासत की लड़ाई अब सड़कों पर आ गई है।

दरअसल पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आजादी मार्च बुलाया ताकि नेशनल असेंबली को भंग करने और देश में नए सिरे से चुनाव कराने के लिए दबाव बनाया जा सके। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं की ओर से कई शहरों में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कई इलाकों में इंटरनेट बाधित हुई है।

इमरान समर्थकों ने मेट्रो स्टेशन में लगाई आग

इमरान खान के मार्च को पहले तो मंजूरी मिल गई लेकिन हिंसा की आशंका के चलते बाद में इजाजत वापस ले ली गई। साथ ही पुलिस बंदोबस्त कड़े कर दिए गए। इस्लामाबाद में एंट्री के सभी रास्तों को भी सील कर दिया गया। प्रशासन से मंजूरी नहीं मिलने के बावजदू इमरान खान और उनके समर्थकों ने सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया। जब इमरान खान के मार्च को रोका गया तो इमरान समर्थकों ने सड़कों पर जमकर गदर मचाया। PTI कार्यकर्ताओं इस्लामबादा में जबकर तोड़फोड़ और आगजनी की। उन्होंने डिवाइडर पर लगे पेड़ों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस के साथ झड़प के दौरान प्रदर्शनकारियों ने इस्लामाबाद में चाइना चौक मेट्रो स्टेशन में आग लगा दी।

सड़कों पर उतरी भीड़

अविश्वास मत के बाद सत्ता से बेदखल किए गए पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने “सभी पाकिस्तानियों” को अपने-अपने शहरों में सड़कों पर उतरने को कहा है। इमरान ने महिलाओं और बच्चों से “वास्तविक स्वतंत्रता” के लिए अपने घरों से बाहर आने की अपील की है। सीनेटर एओन अब्बास बुप्पी ने कहा, ‘हम अभी डी-चौक पर हैं और समय तड़के 2.30 बजे हैं। गोलाबारी जारी है। भगवान जाने इमरान खान के आने से पहले वे और कितने राउंड गोलाबारी करेंगे।’

सरकार ने बुलाई सेना

इमरान खान द्वारा शुरू किए गए विरोध मार्च की वजह से बिगड़ते हालात को देखते हुए शहबाज शरीफ सरकार को रेड जोन की रक्षा के लिए सेना बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पीटीआई प्रमुख ने गुरुवार तड़के इस्लामाबाद में प्रवेश किया। सरकार के आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन, प्रेसीडेंसी, प्रधान मंत्री कार्यालय और अन्य सहित महत्वपूर्ण सरकारी भवनों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया।

साभार: एजेंसियां, Times Now नवभारत, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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