‘ लंपी त्वचा रोग’ ने छीनी हजारों बेजुबान पशुओं की जिंदगी, लाखों पशु हुए प्रभावित: जानें विस्तार से…..
नई दिल्ली : पहाड़ी खेती, समाचार( 21, अगस्त )देशभर में लंपी त्वचा रोग का कहर जारी है। अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों बेजुबान पशुओं की मौत हो चुकी है। लंपी त्वचा रोग से लाखों पशु प्रभावित हुए हैं।
इस रोग से आठ राज्यों समेत एक केंद्र शासित प्रदेश में अब तक 7,300 से अधिक मवेशी काल के ग्रास में समा चुके हैं। हालांकि इस पर रोक लगाने के लिए सरकार तेजी से कदम उठा रही है और संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान तेज कर दिया गया है।
क्या है लंपी बीमारी
लंपी त्वचा रोग को पशुधन में लगने वाली एक घातक संक्रामक बीमारी है , जो मच्छर, मक्खी और जूं जैसे परजीवियों के जरिये एक पशु से दूसरे पशु तक फैल रही है। जैसे ही ये परजीवी गाय या भैंस को काटते हैं तो ये संक्रमण खून के जरिये दुधारु पशुओं में फैल जाता है, जिस कारण पीड़ित पशुओं के शरीर में गांठ पड़ जाती है। तेज बुखार, भूख ना लगना, नाक से खून निकलना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं, जिसके कारण हजारों पशु दम तोड़ते जा रहे हैं। पशुओं में यह बीमारी दूषित पानी, लार और चारे के जरिये भी फैल रही है।
एक जानकारी के अनुसार लंपी त्वचा रोग की शुरुआत अफ्रीका के जाम्बिया से हुई थी, जिसके बाद साल 2019 में उड़ीसा के कई पशुओं में इसके लक्षण देखे गये थे।
मक्खियों और मच्छरों से फैलता है रोग
बता दें कि लंपी त्वचा रोग एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मवेशियों को प्रभावित करता है। यह रक्त-पोषक कीड़ों, जैसे मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों या टिक्स द्वारा फैलता है। यह बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनता है और इससे मवेशी की मौत भी हो सकती है। जिस तरह दुनियाभर में मानव जीवन पर कोरोना ने अपना कहर बरपाया है, उसी तरह ये बेजुबान पशुओं को अपना शिकार बना रहा है।
बंगलादेश में हुआ था लंपी त्वचा रोग का जन्म
वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस रोग का जन्म बंगलादेश में 2019 में हुआ था। इसके बाद हाल ही में मध्य पूर्व और यूरोप में फैलने के बाद एशिया में फैल गया है। जानकारी के अनुसार, भारत में भी 2019 में पूर्वी राज्यों विशेषकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लंपी त्वचा रोग का पहला मामला मिला था, लेकिन इस साल पश्चिमी और उत्तरी राज्यों के साथ-साथ अंडमान निकोबार में भी यह बीमारी पहुंच गई है।
लंपी त्वचा रोग से देशभर में लाखों पशु प्रभावित
संबंधित विभाग के अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया, ‘पहले गुजरात में लंपी त्वचा रोग की सूचना मिली थी और अब यह आठ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैल गया है। अब तक 1.85 से अधिक मवेशी प्रभावित हुए हैं और जुलाई में इस बीमारी के फैलने के बाद से 7,300 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है।’
उन्होंने कहा कि पंजाब में अब तक लगभग 74,325 मवेशी प्रभावित हुए हैं, जबकि गुजरात में 58,546, राजस्थान में 43,962, जम्मू-कश्मीर में 6,385, उत्तराखंड में 1,300, हिमाचल प्रदेश में 532, अंडमान और निकोबार में 260 मवेशी प्रभावित हुए हैं।
7,300 से अधिक मवेशियों की हो चुकी है मौत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 7,300 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 3,359 जानवरों की मौत पंजाब में, 2,111 राजस्थान में, 1,679 गुजरात में, 62 जम्मू-कश्मीर में, 38 हिमाचल प्रदेश में, 36 उत्तराखंड में और 29 अंडमान निकोबार में हुई है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में टीकाकरण अभियान तेजी चल रहा है और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक 17.92 लाख मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है। साथ ही जागरूकता फैलाने में मदद करने के लिए टोल फ्री नंबरों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।
साभार: एजेंसियां, जागरण, ABP न्यूज़,सोशल मीडिया नेटवर्क।
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