Snowfall in Shimla: शिमला के ऊपरी इलाके बर्फ से लकदक, शिमला-रामपुर हाईवे बंद, 12 बस फंसीं, कल के लिए बारिश और बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी, पढ़ें पूरी खबर..

शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार ( 31, जनवरी )हिमाचल प्रदेश में बुधावर यानि आज और कल के लिए बारिश और बर्फबारी के ऑरेंज अलर्ट के बीच बर्फबारी शुरू हो गई है। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाके बर्फ से लकदक हो गए हैं। शिमला के पास चराबड़ा में बर्फबारी शुरू हो गई है। शिमला के नरकंडा, लाहौल के केलांग में बर्फबारी हो रही है।
नए साल की पहली बर्फबारी के बाद शिमला-रामपुर हाईवे यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। खड़ा पत्थर में तीन इंच बर्फबारी हो चुकी है। फागू के पास करीब 12 HRTC और प्राइवेट बसें फंस गई हैं।
जनजातिय क्षेत्र पांगी में बर्फबारी के बाद लोग अपने घरों में दुबक कर रह गए हैं। बर्फबारी और बारिश ने किसानों-बागवानों को संजीवनी देने का काम किया है।
इससे पहले, हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच मंगलवार दोपहर बाद रोहतांग दर्रा, अटल टनल के आसपास, मनाली, केलांग, डलहौजी और पांगी-भरमौर में बर्फबारी हुई। कांगड़ा में धौलाधार की पहाड़ियों पर फाहे गिरे। मनाली और डलहौजी में यह इस सीजन की पहली बर्फबारी है।
टनल के दोनों छोर भी बर्फ से लद गए हैं। कांगड़ा और मनाली में हल्की बारिश भी हुई है। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बुधवार-वीरवार को भारी बारिश और बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट है।
मंगलवार रात से सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ से मौसम में बदलाव आने की संभावना जताई गई है। 2 फरवरी को मौसम साफ रहने के आसार हैं। 3 और 4 फरवरी को दोबारा बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी हुआ है। हालांकि मंगलवार को राजधानी शिमला में मौसम साफ रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों किन्नौर, लाहौल-स्पीति सहित शिमला, मंडी, कुल्लू और चंबा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बुधवार और वीरवार को बर्फबारी की बहुत अधिक संभावना है। अन्य क्षेत्रों में बारिश होने के आसार हैं। इन दो दिनों के दौरान राजधानी शिमला में भी बर्फबारी की संभावना है।
3 और 4 फरवरी को सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ से बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आने वाले एक सप्ताह तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम खराब रहेगा। इससे आगामी चार-पांच दिनों के दौरान तापमान में भी कमी दर्ज होगी।

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