अगले कोरोना वायरस को लेकर चेतावनी!चूहों और बंदरों से फैल सकता है संक्रमण: स्टडी….

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* पहाड़ी खेती, समाचार, Next corona Spread by Rats and Monkeys : पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस का असर धीरे-धीरे थमने लगा ही था कि एक नई चेतावनी ने सभी के कान खड़े कर दिए हैं।

अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (Princeton University) और ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ अमेजोन्स (Federal University of Amazonas) की स्टडीज में चेतावनी दी गई है कि चूहों और बंदर प्रजाति के जीवों से अगला कोरोना वायरस फैल सकता है। न्यू जर्सी के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट (Molecular Biologist) सीन किंग (sean king) और कंप्यूटर साइंटिस्ट मोना सिंह (Mona Singh) ने विभिन्न स्तनपायी प्रजातियों (mammal species) का जीनोमिक (Genomic) विश्लेषण किया। विशेष रूप से उन जीवों पर स्टडी की गई जो सार्स (Severe acute respiratory syndrome) जैसे वायरस को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। उन्होंने पाया कि अतीत में कुछ चूहों की प्रजातियां बार-बार सार्स (SARS) जैसे वायरस के संपर्क में आईं, जिससे उनमें वायरस प्रतिरोध का एक निश्चित स्तर विकसित होने की संभावना पैदा हुई।

इस स्टडी को पीएलओएस कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी (PLOS Computational Biology) जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च पेपर में लिखा है कि हमारी स्टडी से पता चलता है कि चूहों को वंशानुगत तौर पर सार्स (SARS) जैसे कोरोना वायरस के साथ बार-बार संक्रमित होते देखा गया है।

स्टडी में क्या निकला

रिसर्चर्स का कहना है, ‘संभवतः इन संक्रमणों के परिणामस्वरूप चूहों में सार्स जैसे कोरोना वायरस के प्रति सहिष्णुता या प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। अपनी रिसर्च में डॉ. किंग और प्रोफेसर मोना सिंह ने तथाकथित एसीई2 रिसेप्टर्स (ग्रहण करने योग्य) की स्टडी की, जिनके सहयोग से सार्स जैसे वायरस स्तनधारियों के सेल्स में प्रवेश करते हैं। टीम ने पाया कि प्राइमेट (primates) यानी मनुष्य जैसे जीव और अन्य स्तनधारियों में, जिन्हें पहले से सार्स (SARS) के संक्रमित होने वाले जीव के रूप में नहीं जाना जाता है, एसीई 2 रिसेप्टर्स (ACE 2 receptors) होने के बहुत कम सबूत हैं। दोनों के जीनोमिक विश्लेषण में हालांकि चूहों के बीच एसीई 2 का तेजी से विकास देखा गया।

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ब्राजील के जंगलों का बैक्टीरिया भी खतरनाक

उधर, ब्राजील के मानौस स्थित फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ अमेजोन्स (Federal University of Amazons) के रिसर्चर्स ने आशंका जताई है कि इस बार महामारी ब्राजील के अमेजन जंगलों में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस से फैल सकती है। इसके वाहक चूहे और बंदर हो सकते हैं। यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट मार्सेलो गोर्डो (Marcelo Gordo) और उनकी टीम को हाल ही में कूलर में तीन पाइड टैमेरिन बंदरो की सड़ी हुई लाश मिली। किसी ने इस कूलर की बिजली सप्लाई बंद कर दी थी। इसके बाद बंदरों के शव अंदर ही सड़ गए। मार्सेलो और उनकी टीम ने बंदरों से सैंपल लिए।

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यहां पर उनकी मदद करने के लिए दूसरी बायोलॉजिस्ट अलेसांड्रा नावा (Alessandra Nava) सामने आईं। उन्होंने बंदरों के सैंपल से पैरासिटिक वॉर्म्स (parasitic worms), वायरस और अन्य संक्रामक एजेंट्स की खोज की। अलेसांड्रा ने बताया कि जिस तरह से इंसान जंगलों का अतिक्रमण कर रहे हैं, ऐसे में वहां रहने वाले जीवों में मौजूद वायरस, बैक्टीरिया और पैथोजेन्स इंसानों में संक्रमण फैला रहे हैं।

साभार: News 18, सोशल मीडिया नेटवर्क।

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