WHO का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए केवल लॉक डाउन ही काफी नहीं
शिमलाः ( पहाड़ी खेती, समाचार ) कोरोना वायरस के खतरनाक दौर के चलते दुनिया के तमाम देश इस वक़्त क़ैद में हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से लॉकडाउन को लेकर एक दावा किया गया है और बताया गया है कि कोरोना से निपटने में ये कितना कारगर है।
कोरोना वायरस के चलते देश के तमाम राज्य आज लॉकडाउन की स्थिति में हैं। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों ने अपने यहां लोगों की आवाजाही और घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा रखी है। हर किसी की कोशिश है कि कोरोना वायरस को कम से कम फैलने से रोका जाए, इस बीच अब लॉकडाउन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का बयान सामने आया है। WHO का कहना है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सिर्फ लॉकडाउन ही काफी नहीं है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, WHO के माइक रायन ने अपने एक बयान में कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन ही कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं है, इस वक्त जरूरत है कि जो लोग बीमार हैं और इससे पीड़ित हैं उन्हें ढूंढा जाए और निगरानी में रखा जाए तभी इसको रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जब ये खत्म होगा तो लोग अचानक बड़ी संख्या में बाहर निकलेंगे और फिर खतरा बढ़ जाएगा।
चीन से फैले कोरोना वायरस ने यूरोप और अमेरिका को अपनी चपेट में ले लिया है। जिसके बाद दर्जनों देशों ने अपने लोगों से घरों में रहने को कहा है और लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। यूरोप के कई शहरों में बार, रेस्तरां, समेत कई सुविधाओं को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, WHO के माइक रायन ने अपने एक बयान में कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन ही कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं है, इस वक्त जरूरत है कि जो लोग बीमार हैं और इससे पीड़ित हैं उन्हें ढूंढा जाए और निगरानी में रखा जाए, तभी इसको रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जब ये खत्म होगा तो लोग अचानक बड़ी संख्या में बाहर निकलेंगे और फिर खतरा बढ़ जाएगा।
चीन से फैले कोरोना वायरस ने यूरोप और अमेरिका को अपनी चपेट में ले लिया है। जिसके बाद दर्जनों देशों ने अपने लोगों से घरों में रहने को कहा है और लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। यूरोप के कई शहरों में बार, रेस्तरां, समेत कई सुविधाओं को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
माइक रायन ने कहा कि चीन, सिंगापुर और साउथ कोरिया ने जब लॉकडाउन किया तो उन्होंने उस हर व्यक्ति की जांच की, जिस पर कोरोना वायरस का खतरा था। अब यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों को भी यही मॉडल लागू करना चाहिए। अगर एक बार इसे फैलने से रोक दिया जाए तो बीमारी से निपटा जा सकता है।
आपको बता दें कि दुनिया में कोरोना वायरस के अबतक ढाई लाख के करीब मामले आ चुके हैं, जबकि 15 हजार के करीब मौत हो चुकी हैं। अगर भारत की बात करें तो यहां करीब 500 पॉजिटिव केस सामने आए हैं और 10 मौतें हो चुकी हैं। देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।