कोरोना: लॉक डाउन के बीच मनाया गया ‘पंचायती राज दिवस’…..

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“पंचायती राज ” दिवस पर विशेष: रिपोर्ट

शिमलाः ( पहाड़ी खेती, समाचार ) भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का कारण 73वां संविधान संसोधन अधिनियम 1992 है जो तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल में प्रभावी हुआ। विधेयक के संसद द्वारा पारित होने के बाद 20 अप्रैल,1993 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई और 24 अप्रैल,1993 से 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ। अतः 24 अप्रैल को ‘ राष्ट्रीय पंचायत दिवस ‘ के रूप में मनाया जाता है।

भारत के तमाम टी वी चैनल पिछले दो दिन से लगातार जोर देकर कह रहे थे कि 24 अप्रैल को माननीय प्रधानमंत्री 11बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा देश के सरपंचों से सीधे संपर्क करेंगे। देश के तमाम सरपंच सुनते ही उत्साहित होकर इन्तजार करने लगे,क्या पता उन्हें देश के माननीय प्रधानमंत्री से रूबरू होने का मौका मिल जाए । यह बात अलग है कि बहुत सी पंचायतें अभी भी कम्प्यूटर, इंटरनेट,से वंचित हैं। और जहां पर जैसे-तैसे यह तमाम सुविधाएं उपलब्ध हो भी गई हैं तो यह जरूरी नहीं कि पंचायत प्रधान, सचिव आदि इनका उपयोग कर पाने में सक्षम हों, खैर सरपंचों से ज्यादा उत्सुकता मीडिया कर्मियों को थी।कोरोना महामारी के चलते जहां वैश्विक संकट, अर्थव्यवस्था, कारोबार, बेरोजगारी, आदि से सरकार जूझ रही हो, ऐसे में प्रधानमंत्री देश की सबसे छोटी और महत्वपूर्ण इकाई को लेकर क्या खास बताना चाहते हैं।

सभी लोग अपने-अपने घर में टी वी चैनल खोल कर बैठे हुए थे ( लॉक डाउन की वजह से ) खैर 11 बजे और अपने चिर परिचित अंदाज में माननीय प्रकट हुए। वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और असम के सरपंचों के साथ संवाद हुआ।उपलब्धियां गिनाई गईं और उसके बाद सब कुछ पूर्व नियोजित कार्यक्रम की तरह चलता रहा। तमाम टी वी चैनल ब्रेकिंग न्यूज़ बनाने में जुट गए ठीक उसी तरह जैसे सूने पड़े रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी आने से कोलाहल बढ़ जाता है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने एक एकीकृत’ई-ग्राम स्वराज पोर्टल एवं मोबाईल एप’ और ‘स्वामित्व योजना’ का शुभारंभ किया। जो कि ग्राम पंचायत स्तर तक डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।उन्होंने आगे बताया कि कोरोना महामारी ने हमें एक अच्छा सबक सिखाया है।जिसने लोगों के काम करने के तरीकों को बदल के रख दिया है और व्यक्ति को सदैव ही आत्म निर्भर होना चाहिए। हमें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनना होगा। हमें समस्याओं का समाधान देश के बाहर नहीं तलाशना चाहिए।

सरपंचों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने अत्‍यंत सरल शब्दों में सामाजिक दूरी बनाए रखने को परिभाषित करने के लिए दिए गए ‘दो गज दूरी’ के मंत्र के लिए गांवों की सराहना की।

उन्होंने ग्राम स्वराज पर आधारित महात्मा गांधी के स्वराज की अवधारणा को स्‍मरण किया। शास्त्रों को उद्धृत करते हुए उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि सभी शक्ति का स्रोत एकता ही है।

प्रधानमंत्री ने अपने सामूहिक प्रयासों, एकजुटता और दृढ़ संकल्प के साथ कोरोना को परास्‍त करने के लिए सरपंचों को पंचायती राज दिवस पर शुभकामनाएं दीं।  

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